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लंदन क्लासिक 01:आनंद का नाकामुरा से रोमांचक ड्रॉ

03/12/2017 -

वर्ष का सबसे मजबूत शतरंज टूर्नामेंट नौवाँ लंदन चैस क्लासिक का शुभारंभ हो गया है । ग्रांड चैस टूर में यह शामिल यह टूर्नामेंट ना सिर्फ विश्व के शीर्ष 10 खिलाड़ियों एक बीच जोरदार टक्कर के लिए जाना जाता है ,बल्कि यह अपने शानदार तकनीकी इंतज़ामों और खिलाड़ियों को मिलने वाली विश्व स्तरीय सुविधाओं के नजरिए की वजह से भी बेहतरीन होता है । खैर सम्हल कर खेलते सभी खिलाड़ियों नें पहला राउंड शांति पूर्वक खेला । आनंद नें काले मोहरो से खेलते हुए नाकामुरा की ओपनिंग की बढ़त का उन्हे कोई फायदा नहीं लेने दिया और एक समय तो वह बेहतर स्थिति में भी पहुँच गए थे पर खेल इतना आसान नहीं था और काफी उतार चढ़ाव के समय जब दर्शको के नजरिए से खेल रोमांचक हो रहा था दोनों खिलाड़ियों नें खतरा मोल ना लेते हुए खेल को ड्रॉ करना बेहतर समझा । राउंड 2 में आनंद अपने पुराने प्रतिद्वंदी माइकल एडम्स से खेलते नजर आएंगे । 

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इतिहास एक नजर ! भारतीय महिला शतरंज !!

02/12/2017 -

भारतीय महिला शतरंज चैंपियनशिप की शुरुआत वर्ष 1974 में हुई थी और इसके शुरुआती दौर में इसके स्तर और भारतीय पुरुष शतरंज के स्तर में कोई बड़ा अंतर नजर नहीं आता पर समय बीतने के साथ पुरुष शतरंज विश्वानाथन आनंद के पदार्पण से एक  नए दौर में प्रवेश कर गया । शुरुमहिला शतरंज में शुरूआती दौर में खादिलकर बहनो नें एक समय तक भारतीय महिला शतरंज में अपना दबदबा रखा और उसके बाद भाग्यश्री थिप्से और अनुपमा गोखले नें शतरंज के साथ साथ देश के सर्वोच्च पुरुष्कार जैसे पद्म श्री से लेकर अर्जुन अवार्ड भी हासिल किए । फिर विजयालक्ष्मी नें पुरुष शतरंज के मुकाबलो में अपने प्रदर्शन का लोहा मनवाया । समय बीतने के साथ भारत को कोनेरु हम्पी ,हारिका और तनिया जैसे खिलाड़ी तो मिले पर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में इनकी प्रतिभागिता कम ही देखने को मिली खैर फिलहाल चल रही नेशनल चैंपियनशिप में दो खिलाड़ी पदमिनी राऊत और मैरी गोम्स तीन बार राष्ट्रीय खिताब जीत चुकी है और पदमिनी नें पिछली तीन बार की विजेता है और देखना होगा क्या वह अपना लगातार चौंथा खिताब लेने का सपना पूरा कर पाती है !

क्या पदमिनी फिर बनेंगी नेशनल चैम्पियन !

01/12/2017 -

सूरत में चल रही 44वीं  नेशनल महिला प्रीमियर शतरंज स्पर्धा में प्रतियोगिता नें अपना आधा पड़ाव पार कर लिया है और 11 राउंड के इस मुक़ाबले में 6 राउंड के बाद वर्तमान  राष्ट्रीय चैम्पियन पदमिनी राऊत  लगातार अपने चौंथे राष्ट्रीय खिताब की ओर बढ़ती नजर आ रही है । उन्होने इससे पहले 2014 में सांगली में ,2015 में कोलकाता में और 2016 में नई दिल्ली में यह खिताब अपने नाम करते हुए ख़िताबी हेट्रिक पहले ही पूरी कर की थी । लगातार खिताब जीतने के मामले में  एस विजयालक्ष्मी (5) सबसे आगे है जबकि रोहनी खादिलकर (3) और मेरी गोम्स (3) की बराबरी वह पहले ही कर चुकी है । खैर छठे राउंड में छह में से पाँच मैच के परिणाम जीत और हार के रूप में सामने आए जबकि सिर्फ एक मैच अनिर्णीत रहा । पिछले राउंड में  खेल भावना से सबका दिल जीतने वाली सौम्या स्वामीनाथन नें आज मैच जीतते हुए वापसी की राह पकड़ी तो युवा समृद्धा नें अपनी पहली जीत दर्ज की पढे यह लेख !

"युवा पीढ़ी को नशे से बचाने शतरंज है उपाय "- अभिजय

30/11/2017 -

"किसी की मुस्कराहटों पे हो निसार ,किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार ,किसी के वास्ते हो तेरे दिल मे प्यार ,जीना इसी को नाम है " यह पंक्तियाँ पंजाब केसरी समूह के युवा निर्देशक अभिजय चोपड़ा के लिए जैसे एक सच्ची बात सी लगती है । जब पंजाब आतंकवाद से घिर गया था उस दौर में दो प्रमुख सदस्यों की शहादत देकर भी पंजाब केसरी समूह सच और मानवता का पक्षधर बना रहा और जरूरतमंदो और शहीदों के लिए काम करता रहा । और आज इसी समूह के युवा निर्देशक नें पंजाब को ड्रग्स से बचाने के लिए शतरंज खेल को माध्यम के रूप मे चुना है  वह मानते है की शतरंज की एकाग्रता के जरिये वह युवाओं को नशे का आदि बनने से रोक सकते है । पंजाब केसरी पहला राष्ट्रीय समाचार पत्र है जिसमें खेल पेज पर शतरंज की खबरों को प्रमुखता से स्थान दिया जाता है । साथ ही अब हर माह पंजाब केसरी शतरंज चैंपियनशिप का अनोखा आयोजन अपनी निशुल्क प्रवेश के लिए खासा चर्चा में बना हुआ है और प्रतिभाओं को तराशने का काम कर रहा है । तो आइये मिलते है एक ऐसी शख्सियत से जो भारत को शतरंज का सुपर पावर बने देखना चाहते है । 

महिला प्रीमियर :मैच हारकर भी सौम्या नें जीता दिल !!

30/11/2017 -

सूरत में चल रही भारत की 44वी राष्ट्रीय महिला प्रीमियर शतरंज चैंपियनशिप में राउंड 5 में हुए मुक़ाबले अब तक के सबसे रोमांचक मुक़ाबले साबित हुए और परिणामों नें अंक तालिका में काफी परिवर्तन किए खैर बात कर उस घटना की जिसने आज जीत हार से परे खेल भावना को बेहतरीन से सभी का दिल जीत लिया और यह कारनामा किया पूर्व विश्व जूनियर चैम्पियन सौम्या स्वामीनाथन नें वह भले ही मैच हार गयी पर उनकी खेल भावना की दी गयी मिशाल आने वाले समय में लोग अवश्य याद रखेंगे ।कई चौंकाने वाले परिणामों के बीच अब पदमिनी राऊत सिर्फ अकेले सबसे आगे नहीं रह गयी है उनके साथ अब नंधिधा पीवी ,मीनाक्षी सुब्रमण्यम भी सयुंक्त बढ़त पर शामिल हो गयी है । मीनाक्षी सुब्रमण्यम की कॉमन वैल्थ विजेता स्वाति घाटे पर जीत भी चोंकाने वाली थी । खैर आज अंक तालिका में सबसे पीछे चल रही बंगाल की समृद्धा और महाराष्ट्र की श्रष्ठि आधा अंक बनाने मे कामयाब रही । पढे यह लेख । 

विश्व जूनियर - आर्यन को स्वर्ण ,अरविंद को कांस्य पदक

29/11/2017 -

तर्विसियों ,इटली में सम्पन्न हुई विश्व जूनियर स्पर्धा नें नौ साल बाद एक बार फिर इतिहास को दोहराया और नॉर्वे के आर्यन तारी के विश्व विजेता बनते ही ऐसा दूसरी बार हुआ जब मौजूदा विश्व चैम्पियन और विश्व जूनियर चैम्पियन एक ही देश से है । देखा जाए तो आर्यन इस खिताब के दावेदार भी थे और एक बार बढ़त बनाने के बाद उनके खेल में निरंतरता बनी रही और उन्होने दबाव के क्षणो में संतुलित सोच और समझ का परिचय दिया । भारत के प्रग्गानंधा अंतिम राउंड जीतकर खिताब पर कब्जा जमा सकते थे पर शायद समय के गर्त में अभी कुछ और छुपा हुआ है जो भी हो सही मायनों में इस विश्व चैंपियनशिप नें उन्हे एक परिपक्वता तो दी ही है । अरविंद के बारे में क्या कहे जिस अंदाज में पहला मैच हारकर उन्होने वापसी की और अंतिम तीन मैच में सीधी जीत से कांस्य पदक जीत लिया वह उनकी असीम प्रतिभा का परिचायक है । मुरली कार्तिकेयन भी शीर्ष  10 में जगह बनाने में कामयाब रहे । पढे यह लेख 

44वी महिला प्रीमियर - पदमिनी दौड़ी आगल !!

28/11/2017 -

भारत की 44वी नेशनल महिला शतरंज चैंपियनशिप की  विजेता की तलाश सूरत के संतुलित तापमान में धीरे धीरे आगे बढ़ रही है । चार राउंड के बाद भारत की सबसे प्रतिभाशाली महिला खिलाड़ियों में से एक पीएसपीबी की पदमिनी राऊत नें आज किरण मनीषा मोहंती पर एक आसान जीत दर्ज की और अपराजित रहते हुए एकल बढ़त कायम कर ली है और देखना होगा की यह खिताब इस बढ़त को बरकरार रखते हुए जीत सकेंगी या नहीं खैर आज सौम्या स्वामीनाथन नें भी एक आसान जीत दर्ज की तो नंधिधा के प्यादे से कॉमन वैल्थ विजेता स्वाति घाटे के राजा को मात का सामना करना पड़ा । तो एयर इंडिया की भक्ति कुलकर्णी नें पीएसपीबी की मेरी गोम्स को हार का स्वाद चखाया । आज साक्षी चित्लांगे और मीनाक्षी सुब्रमण्यम नें भी जीत दर्ज की । कुल 12 महिला खिलाड़ियों के बीच 11 राउंड का यह मुक़ाबला 6 दिसंबर तक खेला जाएगा !

विश्व जूनियर चैंपियनशिप : छा गए हमारे प्रग्गानंधा !!

22/11/2017 -

एक लेखक या खेल समीक्षक होने के नाते आप नयी प्रतिभा को देखकर उनकी काबलियत और मेहनत को देखकर एक अंदाजा लगाते है और उसके बारे में लिखते है पर मुझे लगता है "प्रग्गानंधा" के बारे में हम जो अंदाजा लगाते है वह उस भी बड़े खिलाड़ी बन कर सामने आ  रहे है । वह हमारी सोच से भी बेहतर करने का दमखम रखते है मुझे गर्व होता है भारत का यह नन्हा उस्ताद धीरे धीरे नन्हा सम्राट बनने की ओर अग्रसर है और आज उन्होने विश्व जूनियर की खिताब की ओर एक और कदम उठाते हुए अपना पहला ग्रांड मास्टर नोर्म भी हासिल कर लिया आज शाम जब वह नॉर्वे के आर्यन तारी से टकराएँगे तो एकाएक मुझे नॉर्वे के कार्लसन और भारत के विश्वनाथन आनंद के बीच की विश्व चैंपियनशिप याद आ रही है और इस बार दुनिया की नजरे नन्हें प्रग्गानंधा के खेल पर लगी है क्या वह यह मुक़ाबला जीतेंगे पढे यह लेख !!

विश्व जूनियर - क्या प्रग्गानंधा जीत सकते थे ?

21/11/2017 -

इटली मे चल रही विश्व शतरंज चैंपियनशिप में सातवा राउंड कोई खास बदलाव नहीं लाया और अधिकतर खिलाड़ी सुरक्षित सोच के साथ आगे बढ़ते नजर आए और यूं कहें की एक दूसरे की गलती का इंतजार करते नजर आए । खैर भारत के 12 वर्षीय नन्हें उस्ताद इस प्रतियोगिता से सही मायनों में अब एक अनुभवी खिलाड़ी की सोच में ढलते नजर आ रहे है और वह विश्व जूनियर का खिताब जीते या ना जीते अब उनका सुनहरा भविष्य साफ दिखाई दे रहा है । राउंड 7 के मुक़ाबले में वह पहले खराब स्थिति में थे और बाद में वह बेहतर स्थिति में आ गए पर उन्होने सुरक्षित खेलने का चुनाव किया खैर वह अभी भी 5.5 अंक के साथ भारतीय खिलाड़ियों में सबसे आगे चल रहे है । अरविंद चितांबरम ,मुरली कार्तिकेयन और शार्दूल गागरे भी  5 अंक के साथ उम्मीद कायम रखे हुए है तो बालिका वर्ग में वैशाली और आकांक्षा को अब जीत की दरकार है । पढे यह लेख ..

विश्व जूनियर चैंपियनशिप : प्रग्गानंधा से उम्मीद कायम !

20/11/2017 -

इटली में चल रही विश्व जूनियर शतरंज प्रतियोगिता में एक दिन के विश्राम के बाद का दिन भारत के लिहाज से बेहतर ही कहा जाएगा । 12 साल प्रग्गानंधा  नें भारत से लेकर दुनिया भर की नजरे को अपने उपर आकर्षित किया हुआ है और छह राउंड के बाद वह सयुंक्त दूसरे स्थान पर बने हुए है और ऐसे में एक बड़ी जीत उन्हे खिताब के करीब ले जाएगी और देखना होगा की वह अंतिम पाँच राउंड में कैसा खेल दिखाते है । खैर उनके अलावा अरविंद चितांबरम  ,मुरली कार्तिकेयन ,शार्दूल गागरे 4.5 अंको के साथ अभी भी खिताब  और पदक की दौड़ में शामिल है तो बालिकाओं में आकांक्षा और वैशाली के हो भारत की दो प्रमुख उम्मीद है । 

प्रग्गानंधा !! नाम तो सुना ही होगा !!

18/11/2017 -

शतरंज का जन्म भारत में हुआ था पर 1987 के पहले  भारत का इस खेल में विश्व स्तर पर कोई खास स्थान नहीं था तब  विश्वनाथन आनंद के विश्व जूनियर बनने के सफर से दरअसल सही मायने में भारत का शतरंज में सफर शुरू हुआ था । उस समय जब इस खेल को समझने वाला या इसमें महारत रखने वाला भी भारत में कोई ना था । भारत में आनंद की जीत इस खेल के लिए एक संजीविनी बूटी साबित हुई ,और आज उसका परिणाम कुछ यूं सामने आ रहा है की आज 30 साल बाद भारत के 12 वर्षीय प्रग्गानंधा के प्रदर्शन से विश्वभर की नजरे भारत की इस आश्चर्यचकित करती प्रतिभा पर आ टिकी है । और सारी शतरंज की दुनिया बस एक ही सवाल कर रही है क्या यह बालक दुनिया का सबसे कम उम्र का ग्रांड मास्टर बन जाएगा ?क्या यह बालक दुनिया का सबसे कम उम्र का विश्व जूनियर चैम्पियन बन जाएगा ?और क्या यह आने वाले विश्व चैम्पियन के कदमों की आहट है ?  पढे यह लेख !

विश्व जूनियर चैंपियनशिप 2017 - अभी तो ये आरंभ है !

15/11/2017 -

विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप में पहले दो राउंड भारत के लिए कुछ एक परिणामो को छोड़कर अच्छे ही रहे है । बालक वर्ग में सुनील नारायनन ,मुरली कार्तिकेयन ,प्रग्गानंधा और हर्षा भारतकोठी तो बालिका वर्ग में आर वैशाली नें अपेक्षानुसार अपने दोनों मैच जीतकर अच्छी शुरुआत की है । अरविंद चितांबरम का पहले राउंड में हारना भारत के लिए एक बड़ा झटका था तो दूसरे राउंड में उन्होने जीतकर वापसी की राह पकड़ ली है । कुमार गौरव नें जीत और सिद्धान्त मोहपात्रा नें शीर्ष खिलाड़ियों से ड्रॉ करते हुए अच्छी शुरुआत की पर अगले ही राउंड में उन्हे हार का सामना करना पड़ा मतलब साफ है यहाँ आपको लगातार बेहतर खेल दिखाना होगा । बालिका वर्ग में  आकांक्षा हगावाने  और अर्पिता मुखर्जी भी एक जीत और एक ड्रॉ के साथ सही राह में है । पढे यह लेख ।  

विश्व जूनियर चैंपियनशिप :भारत की युवा उम्मीद !!

12/11/2017 -

27 ग्रांड मास्टर ,43 इंटरनेशनल मास्टर , 30 फीडे मास्टर और 61 देश के खिलाड़ी , यह दुनिया के सबसे कठिन जूनियर स्पर्धा के आंकड़े है । जी हाँ कभी जिस टूर्नामेंट को जीतकर विश्वनाथन आनंद ग्रांड मास्टर बने थे उसी विश्व जूनियर शतरंज स्पर्धा के 56वें संस्करण का आगाज इटली के तर्विसियों में होने जा रहा है । भारत जी उम्मीद इस बार उन युवा कंधो पर टिकी है जो प्रतिभावान तो है ही साथ ही मेहनत के भी धनी है । भारत की नजरे सुनील नारायनन ,अरविंद चितांबरम और मुरली कार्तिकेयन पर टिकी रहेगी साथ ही ,आर वैशाली और आकांक्षा भी यह खिताब भारत ल सकती है , विश्वानाथन आनंद ,पेंटाला हरीकृष्णा ,कोनेरु हम्पी ।अभिजीत गुप्ता ,हरिका द्रोणावल्ली ,सौम्या स्वामीनाथन की इस सूची में क्या कोई और नाम जुडने को तैयार है । पढे यह लेख 

अनुपम और कदम बने नेशनल अंडर 9 चैम्पियन

12/11/2017 -

अगर आपको आने वाले भारतीय खिलाड़ियों की क्षमताओं का अंदाजा लगाना है तो आपको एक बार अभी अभी गुरुग्राम ,हरयाणा में हुए नेशनल अंडर 9 शतरंज चैंपियनशिप के अंतिम राउंड पर नजर डालनी चाहिए जहां पर टाईब्रेक के नियम डाइरैक्ट इन काउंटर ( व्यक्तिगत मैच में जीत ) के नियम से अंतिम राउंड में दो रोमांचक मुक़ाबले हुए जहां एक अंक की बढ़त पर चल रहे खिलाड़ियों को हार का सामना करना पड़ा और जीतने वाले खिलाड़ी उनसे आगे निकल गए  ! मतलब साफ है एक ऐसी पीढ़ी तैयार हो रही है जो आक्रामक तो है ही दबाव के क्षणो में अपना बेहतर करना भी जानती है । बालक वर्ग में महाराष्ट्र के ओम कदम मनीष तो बालिका वर्ग में  केरला की अनुपम एम श्रीकुमार नें नेशनल अंडर 9 चैम्पियन होने का गौरव हासिल किया । पढे यह लेख 

ललित बाबू राष्ट्रीय शतरंज विजेता ,अरविंद उपविजेता !

11/11/2017 -

जब मैच सदियों से भारत का सुनहरा इतिहास समेटे पटना में आयोजित हुआ था तो फिर यह साधारण हो भी नहीं सकता था।  पटना खेली गयी 55वी खादी इंडिया राष्ट्रीय प्रीमियर शतरंज  नें आखिरकार भारत को उसका नया राष्ट्रीय विजेता दे दिया । रोहित ललित बाबू राष्ट्रीय खिताब जीतने वाले भारत के 25वे खिलाड़ी बन गए साथ ही यह ललित का पहला राष्ट्रीय खिताब है । युवा अरविंद दबाव और आज जीतने के प्रयास के बीच तालमेल नहीं बैठा पाये और पराजित हो गए और दूसरे स्थान पर रहे पर उनकी प्रतिभा भारत के लिए अच्छा संकेत है । पूर्व दो बार के विजेता मुरली कार्तिकेयन तीसरे स्थान पर रहे । तो आज अंतत: हिमांशु शर्मा नें जीत के साथ इस मुश्किल प्रतियोगिता को अलविदा कहा । अभूतपूर्व इंतज़ामों और खेल के शानदार माहौल के साथ पटना और बिहार के मेजबानी की सबने प्रशंसा की । अगली नेशनल चैंपियनशिप का इंतजार अब एक वर्ष करना ही होगा! पढे यह लेख 

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