
लॉकडाउन ट्रेनिंग : 18वां दिन : ओल्ड इज गोल्ड
11/04/2020 -दूसरे विश्व चैम्पियन लास्कर नें जब 1889 में अपने दोनों ऊंटों को कुर्बान करके एक मुक़ाबला जीता तो उन्हे शायद इस बात का अंदाजा नहीं था की उन्होने यह मैच खेलकर आने वाले सैंकड़ों वर्षो तक भविष्य के खिलाड़ियों के लिए आक्रमण का आदर्श स्थापित कर दिया है । आने वाले समय में कई खिलाड़ियों नें उनके इस मुक़ाबले से सीखकर कई बेहतरीन मुक़ाबले खेले उसमें से नीमजोविच के खिलाफ 1914 में तराश के द्वारा खेला गया खेल इसका एक बेहतरीन उदाहरण है । कोरोना वायरस के चलते देश भर के चल रहे लॉकडाउन के साथ शुरू हुई चेसबेस इंडिया ट्रेनिंग का आज 18 वां दिन था ।आप सभी के सहयोग से हम यह कार्य सुचारु रूप से कर पा रहे है । पढे यह लेख